Friday, September 28, 2012

अगर वो याद आ जाएं न अश्कों को बहाना


मेहदी हसन साहब की आवाज़ में एक और फ़िल्मी गीत -



तमन्नाओं की नगरी में कोई फ़रियाद मत करना
भुला देना सभी वादे किसे को प्यार मत करना ...

4 comments:

Jyoti khare said...

sunder sanyojan

Tamasha-E-Zindagi said...

आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज के (दिनांक २५ अप्रैल २०१३, बृहस्पतिवार) ब्लॉग बुलेटिन - डर लगता है पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |

ashokkhachar56@gmail.com said...

kya bat hai waaaah

ashokkhachar56@gmail.com said...

kya bat hai waaaah